बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बयान सामने आया है। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने जनता से वादा किया है कि अगर आगामी विधानसभा चुनावों में महागठबंधन की सरकार बनती है, तो राज्य में 100 प्रतिशत डोमिसाइल नीति (स्थानीय निवास नीति) लागू की जाएगी। इसका सीधा लाभ राज्य के युवाओं को मिलेगा।
तेजस्वी यादव ने कहा कि आज बिहार के छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बाहर जाना पड़ता है, जिससे उन्हें न केवल मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है बल्कि आर्थिक बोझ भी उठाना पड़ता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जब महागठबंधन की सरकार आएगी, तो छात्रों को परीक्षा केंद्र तक जाने और वापस लौटने के लिए यात्रा भत्ता दिया जाएगा। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी छात्र को आर्थिक अभाव के कारण अपने सपनों से समझौता न करना पड़े।
तेजस्वी ने आगे कहा, "दुख होता है यह देखकर कि बिहार देश का सबसे गरीब राज्य बन गया है, और यहां से सबसे ज्यादा पलायन हो रहा है। यह स्थिति बदलनी चाहिए।" उन्होंने दावा किया कि नई सरकार बनने पर युवाओं को राज्य में ही रोजगार और शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
डोमिसाइल नीति क्या है?
डोमिसाइल नीति के तहत सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में केवल उन्हीं को प्राथमिकता या आरक्षण मिलता है, जो राज्य के मूल निवासी होते हैं। कई राज्यों में यह नीति पहले से लागू है, और बिहार में इसे लेकर लंबे समय से मांग उठ रही थी।
युवाओं को साधने की रणनीति
तेजस्वी यादव का यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि महागठबंधन आगामी चुनाव में युवाओं, खासकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को केंद्र में रखकर रणनीति बना रहा है। रोजगार, शिक्षा और पलायन जैसे ज्वलंत मुद्दों को चुनावी एजेंडे में प्रमुखता देने की तैयारी की जा रही है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया का इंतजार
तेजस्वी के इस बयान पर अब तक सत्ता पक्ष यानी एनडीए की तरफ से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा राजनीतिक बहस का केंद्र बन सकता है।
तेजस्वी यादव का यह वादा बिहार के युवाओं के लिए एक नई उम्मीद बनकर सामने आया है। अब देखना होगा कि चुनावी राजनीति में यह घोषणा कितना असर दिखाती है और जनता इसे कितनी गंभीरता से लेती है।