"थप्पड़ कांड" से हिली मोतिहारी पुलिस; महिला दारोगा सस्पेंड, प्राइवेट साथी पर FIR के आदेश

Prashant Prakash
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आम लोगों से "शालीन व्यवहार" की शपथ लेने वाली मोतिहारी पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। इस बार आरोपों के केंद्र में हैं एक महिला सब-इंस्पेक्टर, जिनका थप्पड़ मारते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में एक युवक की न सिर्फ महिला पुलिसकर्मी द्वारा पिटाई होती दिख रही है, बल्कि एक सिविल ड्रेस में मौजूद व्यक्ति भी युवक को बेरहमी से पीटता नजर आ रहा है।

घटना स्थल: कुंआरी देवी चौक, मोतिहारी

वायरल हो रहा यह वीडियो मोतिहारी शहर के कुंआरी देवी चौक का बताया जा रहा है, जहां वाहन जांच अभियान के दौरान यह घटना हुई। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि एक महिला सब-इंस्पेक्टर बाइक सवार युवक को थप्पड़ मारती हैं, जिसके तुरंत बाद उनके साथ मौजूद एक युवक, जो वर्दी में नहीं है, बाइक सवार युवक की बेरहमी से पिटाई करता है।

सवालों के घेरे में “सिविल ड्रेस वाला” शख्स

अब इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि सिविल ड्रेस में मौजूद वह युवक आखिर कौन है?
क्या वह थाना स्टाफ का हिस्सा है या किसी पुलिस अधिकारी का निजी चालक?
और अगर वह वर्दीधारी नहीं है, तो किस अधिकार से वह एक आम नागरिक पर हाथ उठा रहा है?



वीडियो वायरल, जनता में आक्रोश

वीडियो के वायरल होते ही लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर मोतिहारी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि आम नागरिक ऐसा व्यवहार करे, तो उस पर तुरंत कार्रवाई होती है, लेकिन जब पुलिस या उससे जुड़े लोग ऐसा करते हैं, तो कार्रवाई में ढिलाई बरती जाती है।

एसपी ने लिया संज्ञान, कार्रवाई के निर्देश

मामला तूल पकड़ते देख पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित महिला सब-इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया है। साथ ही, वीडियो में नजर आ रहे प्राइवेट व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश भी दिया है।

प्रशासन की साख पर सवाल

यह घटना सिर्फ एक थप्पड़ या मारपीट की नहीं, बल्कि पुलिस व्यवस्था और प्रशासन की साख पर भी सवाल खड़े करती है। आम जनता से संयम और अनुशासन की अपेक्षा रखने वाले कानून रक्षक जब खुद कानून हाथ में लेते दिखते हैं, तो विश्वास की नींव कमजोर होती है।

क्या कहती है आम जनता?

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं पहले भी होती रही हैं, लेकिन कार्रवाई कम ही होती है। अब जबकि वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, प्रशासन को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी। लोगों ने मांग की है कि ऐसे मामलों में पारदर्शी जांच और सख्त सजा सुनिश्चित की जाए।

               मोतिहारी पुलिस के इस "थप्पड़ कांड" ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कैमरा चालू होने पर ही जवाबदेही शुरू होती है। अब देखना यह होगा कि एसपी के निर्देश के बाद इस मामले में कितनी पारदर्शिता और निष्पक्षता बरती जाती है।

 — Reported by Amit Ranjan

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