पटना | जून का महीना और उसके साथ आई झुलसा देने वाली गर्मी, जिसने पूरे बिहार और आसपास के क्षेत्रों में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस जानलेवा गर्मी और लू से खुद को बचाने के लिए विशेषज्ञों ने विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी है। इसी कड़ी में, रांची के प्रतिष्ठित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के डॉक्टर विकास ने गर्मी से बचाव के लिए एक अत्यंत व्यवहारिक और प्रभावी '5S फॉर्मूला' सुझाया है, जिसे अपनाकर लोग लू और हीटस्ट्रोक के खतरों से बच सकते हैं।
डॉक्टर विकास ने बताया कि इस भीषण गर्मी में स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए '5S फॉर्मूला' का पालन करना बेहद जरूरी है। यह '5S' निम्नलिखित पाँच महत्वपूर्ण बिंदुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं -
* शेड (Shade - छाँव)
डॉक्टर विकास के अनुसार, "5S फॉर्मूला" का पहला 'S' है 'शेड' यानी छाँव। उनका सुझाव है कि जब भी बाहर निकलें, कोशिश करें कि छाँव में चलें। धूप के सीधे संपर्क से बचें, खासकर दोपहर के समय। पेड़ों की छाँव या इमारतों की आड़ में चलना शरीर को अत्यधिक गरम होने से बचा सकता है।
* सिप (Sip - घूंट-घूंट कर पानी पीना) दूसरा 'S' है 'सिप'
इसका सीधा मतलब है कि हर थोड़ी देर में पानी पीते रहें। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण उपाय है। केवल प्यास लगने पर ही नहीं, बल्कि नियमित अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहना चाहिए। पानी के अलावा, नारियल पानी, नींबू पानी, ORS या फलों का रस भी फायदेमंद होता है।
* शील्ड (Shield - बचाव) तीसरा 'S' है 'शील्ड'
अपने शरीर का बचाव करना। डॉक्टर विकास ने सलाह दी है कि धूप में निकलने से पहले सिर और शरीर को पूरी तरह से ढकें। हल्के रंग के, ढीले-ढाले सूती कपड़े पहनें। सूरज की हानिकारक किरणों से आंखों को बचाने के लिए सनग्लास का प्रयोग करें और हमेशा छाता लेकर चलें। यह सीधे धूप के संपर्क को कम कर शरीर को ठंडा रखने में मदद करेगा।
* स्लो (Slow - धीरे) चौथा 'S' है 'स्लो'
इस गर्मी में अपने काम की गति को थोड़ा धीमा रखें। अनावश्यक भागदौड़ या अत्यधिक शारीरिक श्रम से बचें। शरीर को अपनी गति से चलने दें, उसे जबरदस्ती न थकाएं। अत्यधिक शारीरिक गतिविधि से शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है, जो लू का कारण बन सकता है।
* शेड्यूल (Schedule - समय-सारणी) और अंतिम 'S' है 'शेड्यूल'
डॉक्टर विकास ने सुझाव दिया कि अपनी दिनचर्या को इस प्रकार व्यवस्थित करें कि अधिक मेहनत वाले काम सुबह या शाम के समय किए जाएं। दोपहर के समय जब सूर्य अपने चरम पर होता है, तो घर के अंदर या ठंडी जगह पर रहने को प्राथमिकता दें। सुबह जल्दी उठकर या सूरज ढलने के बाद ही शारीरिक श्रम या बाहरी गतिविधियों को अंजाम दें।
डॉक्टर विकास का यह '5S फॉर्मूला' इस भीषण गर्मी से बचाव के लिए एक सरल और प्रभावी तरीका है। इसे अपनाकर लोग न केवल अपनी सेहत का ख्याल रख सकते हैं, बल्कि लू और हीटस्ट्रोक जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से भी खुद को बचा सकते हैं। गर्मी के इन दिनों में सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।