राजधानी पटना में अपराध की बढ़ती रफ्तार अब डराने लगी है। बीते 4 महीनों में कुल 115 हत्याएं दर्ज की गई हैं, यानी औसतन हर 25 घंटे में एक हत्या! यह आंकड़ा न सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि राजधानी की सड़कों पर असुरक्षा का माहौल गहराता जा रहा है।
बढ़ते अपराध पर लगाम कसने के लिए बिहार सरकार ने पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल किया है। पटना SSP अवकाश कुमार को उनके पद से हटा दिया गया है। साथ ही सेंट्रल SP स्वीटी सहरावत, ईस्ट SP डॉ. के. रामदास और वेस्ट SP शरत आरएस का भी तबादला कर दिया गया है।
इन तबादलों के पीछे स्पष्ट संदेश है कि सरकार अब अपराध के मुद्दे पर कोई कोताही नहीं बरतेगी। इस फेरबदल के तहत अब पूर्णिया के SP कार्तिकेय शर्मा को पटना का नया SSP नियुक्त किया गया है। वे तेज-तर्रार और सख्त छवि के अधिकारी माने जाते हैं, और सरकार को उम्मीद है कि उनके आने से राजधानी में अपराध नियंत्रण को लेकर ठोस कार्रवाई होगी।
यह पहली बार है जब किसी SSP को महज 6 महीने के कार्यकाल में ही पद से हटाया गया हो। इससे स्पष्ट है कि अपराध नियंत्रण को लेकर सरकार कितनी संवेदनशील और गंभीर है।
अपराधियों के हौसले बुलंद
पटना में लगातार हो रही आपराधिक घटनाएं — चाहे वो लूट हो, मर्डर हो या गैंगवार — आम नागरिकों की नींद उड़ा रही हैं। हालिया महीनों में शहर के अलग-अलग इलाकों से दिनदहाड़े हत्याओं, गोलीबारी और चोरी की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिससे यह साफ होता है कि अपराधी पुलिस से बेखौफ हैं।
क्या बदलेगा कुछ?
अब सभी की निगाहें कार्तिकेय शर्मा पर टिकी हैं। पटना जैसे हाई-प्रोफाइल जिले में SSP की जिम्मेदारी संभालना आसान नहीं होता। नई टीम से जनता को उम्मीद है कि वह अपराधियों पर लगाम लगाएगी और राजधानी को फिर से सुरक्षित बनाएगी।
पटना में हर दिन बढ़ती वारदातें सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि आम लोगों की सुरक्षा से जुड़ा सवाल बन चुकी हैं। ऐसे में पुलिस महकमे में हुआ ये फेरबदल सिर्फ एक प्रशासनिक कार्रवाई नहीं, बल्कि एक सख्त संदेश भी है — “अपराधी अब नहीं बचेंगे।”