नई दिल्ली/वृंदावन – अपने आध्यात्मिक उपदेशों के लिए प्रसिद्ध प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में लव मैरिज यानी प्रेम विवाह को लेकर एक बेहद संतुलित और समझदारी भरा बयान दिया है, जो वर्तमान पीढ़ी और उनके माता-पिता दोनों के लिए मार्गदर्शक बन सकता है।
एक भक्त द्वारा प्रेम-विवाह को लेकर सवाल पूछे जाने पर महाराज ने स्पष्ट शब्दों में कहा –
“अगर बच्चे आपसे अनुमति ले रहे हैं, आपके चरण स्पर्श कर रहे हैं, तो माता-पिता को भी उनके आचरण और निर्णय का आदर करना चाहिए।”
माता-पिता का सहयोग जरूरी
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अगर लड़का और लड़की दोनों परस्पर प्रेम करते हैं, और परिपक्वता से एक-दूसरे को समझते हैं, तो माता-पिता को उसमें लड़ाई-झगड़े या टकराव का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज का युग बदल चुका है, और माता-पिता को भी समय के साथ अपने सोच में बदलाव लाना चाहिए।
बच्चों को भी निभानी है ज़िम्मेदारी
हालाँकि महाराज ने यह भी कहा कि बच्चों को माता-पिता से आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए। उनका यह कथन पारिवारिक मूल्यों और संस्कृति की मर्यादा बनाए रखने का संदेश देता है।
साथ ही उन्होंने शादी से पहले ब्रह्मचर्य के पालन की बात भी दोहराई, जो उनके आध्यात्मिक सिद्धांतों से जुड़ा हुआ है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो
प्रेमानंद महाराज का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, खासकर युवाओं के बीच, जो अपने रिश्तों में पारिवारिक स्वीकृति चाहते हैं। उनका यह संतुलित दृष्टिकोण संस्कार और आधुनिकता के बीच पुल जैसा माना जा रहा है।
प्रेमानंद महाराज का यह वक्तव्य समाज को यह सीख देता है कि प्रेम और विवाह जैसे निजी फैसलों में सम्मान, संवाद और समझौते का रास्ता अपनाया जाए। उनका यह संदेश न केवल युवा पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक है, बल्कि माता-पिता के लिए भी आत्मचिंतन का विषय है।