बिहार सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत लगभग 1.5 लाख शिक्षकों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि गर्मी की छुट्टी के बाद शिक्षकों से वेतन संबंधी आपत्तियां एकत्र की जाएंगी। इसके आधार पर वेतन का पुनर्निर्धारण होगा और बकाया भुगतान भी सुनिश्चित किया जाएगा।
क्या है वेतन विसंगति का मामला?
बिहार में शिक्षकों की वेतन विसंगतियों का मामला लंबे समय से चर्चा में रहा है। कई शिक्षकों, खासकर नियोजित से विशिष्ट शिक्षक बने लोगों को सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी उचित वेतनमान नहीं मिल रहा था। इसके अलावा, कुछ प्राथमिक शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षकों से अधिक वेतन मिल रहा था, जो संवर्ग परिवर्तन और सेवा निरंतरता की कमी के कारण था।
क्या होगा आगे?
शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया को 31 जुलाई 2025 तक पूरा करने की समयसीमा तय की है। अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी देरी के लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
शिक्षकों की समस्याओं का समाधान
बजट सत्र फरवरी-मार्च 2025 के दौरान शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बिहार विधान परिषद में घोषणा की थी कि शिक्षकों की वेतन विसंगतियों और सेवा निरंतरता के मुद्दे को प्राथमिकता से हल किया जाएगा। अब लगभग तीन महीने बाद विभाग ने इस दिशा में कदम उठाया है।
बिहार सरकार के इस कदम से राज्य के डेढ़ लाख से ज्यादा शिक्षकों को फायदा होगा। उनकी वेतन संबंधी समस्याएं दूर होंगी और उन्हें बकाया भुगतान भी मिलेगा। इससे शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा और वे अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।