नई दिल्ली/अहमदाबाद – अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे के बाद आज केंद्र सरकार ने पूरे देश को झकझोर देने वाली अहम जानकारी साझा की। नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने शनिवार को आयोजित एक विशेष प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकार इस दुर्घटना को "एक तकनीकी विफलता भर नहीं", बल्कि "मानवीय त्रासदी" मानते हुए जांच कर रही है।
हादसे में 241 लोगों की जान गई, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक, विदेशी यात्री और क्रू मेंबर्स शामिल थे। मंत्री ने कहा – “यह सिर्फ जांच की जिम्मेदारी नहीं, यह हमारी इंसानियत की जिम्मेदारी है।”
ब्लैक बॉक्स मिल गया, तकनीकी कारणों की होगी गहराई से जांच
मंत्री नायडू ने पुष्टि की कि ब्लैक बॉक्स और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर बरामद कर लिए गए हैं। अब इन्हें विश्लेषण के लिए भेजा जा रहा है, जिससे दुर्घटना के कारणों का सटीक पता लगाया जा सकेगा।
> 🗣️ “हमने DGCA और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो को संयुक्त जांच के आदेश दिए हैं। किसी भी लापरवाही को बख्शा नहीं जाएगा,” – राम मोहन नायडू, नागर विमानन मंत्री
40 सेकंड की त्रासदी : टेकऑफ के चंद सेकंड में सब कुछ खत्म
हादसे को लेकर सामने आए तकनीकी विवरण चौंकाने वाले हैं:
विमान ने दोपहर 1:39 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी।
उड़ान के केवल 5 सेकंड बाद पायलट ने ‘मेडे, मेडे, मेडे’ कॉल दिया – यानी आपातकाल की घोषणा।
टेकऑफ के 40 सेकंड के भीतर संपर्क टूट गया।
विमान अधिकतम 650 फीट की ऊंचाई तक ही पहुंच सका था।
शवों की पहचान डीएनए से होगी, परिवारों को हरसंभव मदद
इस दर्दनाक हादसे में अधिकांश शव बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गए हैं। मंत्री ने कहा कि डीएनए जांच के माध्यम से ही शवों की पहचान की जाएगी। इसके लिए सभी राज्य सरकारों को समन्वय करने का निर्देश दिया गया है।
> 🕯️ “कई परिवार अपनों की तलाश में हैं। हम उन्हें इंतजार में नहीं रख सकते। जल्द से जल्द पहचान और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।”
तीन महीने में जांच रिपोर्ट, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का वादा
सरकार ने तीन सदस्यीय विशेष तकनीकी समिति गठित की है, जो आगामी 90 दिनों में विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगी। इसमें विमान के इतिहास, मेंटेनेंस रिकॉर्ड, क्रू की योग्यता और मौसमीय परिस्थितियों सहित सभी पहलुओं की जांच होगी।
विमान की पिछली उड़ानें सामान्य थीं, अचानक कैसे हुआ हादसा?
हादसे का शिकार हुआ विमान पेरिस से दिल्ली और फिर दिल्ली से अहमदाबाद आया था। दोनों यात्राओं में किसी प्रकार की तकनीकी समस्या सामने नहीं आई थी। इसने सवाल खड़े किए हैं कि आखिर टेकऑफ के महज़ सेकंड में ही इतना बड़ा फेल्योर कैसे हो गया?
"ये सिर्फ मंत्री का काम नहीं, एक इंसान का कर्तव्य है"
मंत्री राम मोहन नायडू का भावुक बयान देश भर में सुर्खियों में है। उन्होंने कहा -
> “मैं खुद एक छोटे विमान हादसे में बाल-बाल बच चुका हूं। मैं जानता हूं कि इस दर्द का कोई मुआवज़ा नहीं। यह सिर्फ मंत्री की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक इंसान का फर्ज है।”
यह हादसा सिर्फ एक विमान दुर्घटना नहीं, बल्कि भारतीय उड्डयन इतिहास का एक काला अध्याय है। सरकार की पारदर्शिता, संवेदनशीलता और सक्रियता पर इस हादसे से पीड़ित परिवारों की उम्मीद टिकी हुई है। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि यह मानवीय चूक थी, तकनीकी खामी या सिस्टम की विफलता।