गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को हुए एअर इंडिया विमान हादसे ने न केवल भारत, बल्कि कई देशों को शोक में डुबो दिया। हादसे के अगले दिन यानी शुक्रवार को ब्रिटिश हाई कमीशन के अधिकारी अहमदाबाद पहुंचे। उनका उद्देश्य था घटना की जांच में सहयोग करना, मृतकों की पहचान सुनिश्चित करना और ब्रिटिश नागरिकों के परिवारों को आवश्यक सहायता प्रदान करना।
हादसे में 241 की मौत, 53 ब्रिटिश नागरिक भी शामिल
इस भयावह हादसे में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से अब तक 241 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मृतकों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल हैं। एकमात्र जीवित बचे यात्री राकेश विश्वास कुमार की स्थिति गंभीर बनी हुई है और वे अस्पताल में इलाजरत हैं।
लंदन जा रहा था विमान
यह विमान अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुआ था, लेकिन टेकऑफ के कुछ ही समय बाद तकनीकी खराबी और इंजन फेल होने के कारण यह क्रैश हो गया। विमान क्रैश होते ही आग का गोला बन गया, जिससे अधिकांश यात्रियों को बचने का कोई अवसर नहीं मिला।
ब्रिटिश अधिकारियों की भूमिका
ब्रिटिश उच्चायोग के अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन, एयर इंडिया और आपदा प्रबंधन टीमों से मुलाकात की। उन्होंने ब्रिटिश नागरिकों की पहचान, शवों के अंतिम संस्कार या स्वदेश वापसी की प्रक्रिया और परिजनों के साथ समन्वय पर ज़ोर दिया। ब्रिटेन सरकार ने हादसे पर गहरा दुख जताया है और पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देने का वादा किया है।
अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर असर
यह हादसा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय बन गया है। इतनी बड़ी संख्या में विदेशी नागरिकों की मौत ने भारत की नागरिक उड्डयन सुरक्षा प्रणाली को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। DGCA और अंतरराष्ट्रीय विमानन एजेंसियां मिलकर हादसे के कारणों की गहराई से जांच कर रही हैं।
अहमदाबाद विमान हादसा एक अंतरराष्ट्रीय त्रासदी बन चुका है। भारत के साथ-साथ ब्रिटेन, पुर्तगाल और कनाडा में भी शोक की लहर दौड़ गई है। अब सबकी निगाहें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं जो यह बताएगी कि इस दिल दहला देने वाले हादसे के पीछे क्या वजह थी — और क्या भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सकता है?