जन वितरण प्रणाली (PDS) का उद्देश्य समाज के गरीब एवं वंचित वर्गों तक आवश्यक वस्तुएं जैसे अनाज आदि उचित मूल्य पर पहुंचाना है। यह प्रणाली सरकार और जनता के बीच एक विश्वास की डोर से जुड़ी होती है। लेकिन जब इस व्यवस्था में ही कुछ लोग अनियमितता और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं, तो यह न केवल एक गंभीर अपराध होता है, बल्कि समाज के सबसे ज़रूरतमंद तबके के अधिकारों का भी हनन होता है।
इसी क्रम में महुआ अनुमंडल, जिला वैशाली के चेहराकला प्रखंड से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है।
दो माह का अंगूठा, एक माह का अनाज: विक्रेता की धोखाधड़ी उजागर
चेहराकला प्रखंड के एक जन वितरण प्रणाली विक्रेता द्वारा लाभार्थियों से दो माह का अंगूठा लगवाकर केवल एक माह का ही अनाज वितरित किया गया। यह कार्य न केवल नियमों के विरुद्ध है, बल्कि यह जनहित के विरुद्ध धोखाधड़ी है। अनुमंडल प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विक्रेता की अनुज्ञप्ति रद्द करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इसके साथ ही वहां वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है, जिससे लाभार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
Goraul में भी हुई अनियमितता की जांच
केवल चेहराकला ही नहीं, बल्कि Goraul क्षेत्र में भी अनाज वितरण में अनियमितता पाई गई है। यहां के AGM द्वारा एक जनवितरण विक्रेता से कम मात्रा में अनाज देने के मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है, जिससे जवाबदेही तय की जा सके। यह स्पष्ट करता है कि प्रशासन हर स्तर पर निगरानी कर रहा है और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सभी प्रखंडों को सतर्कता और निगरानी के निर्देश
अनुमंडल पदाधिकारी, महुआ द्वारा अनुमंडल के सभी प्रखंडों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि यदि कहीं भी घटतौली, कालाबाजारी या लाभार्थी से धोखाधड़ी जैसी घटनाएं सामने आती हैं, तो उन्हें तत्काल प्रखंड या अनुमंडल कार्यालय को सूचित किया जाए। ऐसी सूचनाओं पर तत्काल और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अनुज्ञप्तियाँ केवल उन्हीं विक्रेताओं को दी जाएंगी जो जिम्मेदार, अनुशासित और ईमानदार हों। इस प्रकार, भविष्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता की गुंजाइश को न्यूनतम करने का प्रयास किया जा रहा है।
जनता से सीधी अपील
अनुमंडल प्रशासन ने जनता से सहयोग और सजगता की अपील की है। यदि किसी भी लाभार्थी को जन वितरण प्रणाली में कोई अनियमितता, ठगी या भेदभाव नजर आता है, तो वे बिना झिझक संबंधित पदाधिकारी को सूचना दें, जिससे दोषियों के खिलाफ समयबद्ध कार्रवाई की जा सके।
जवाबदेही और पारदर्शिता की नई मिसाल
महुआ अनुमंडल प्रशासन द्वारा उठाए गए इन कदमों से स्पष्ट है कि अब जन वितरण प्रणाली में किसी भी प्रकार की अनियमितता पर शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई गई है। यह न केवल दोषियों को सबक सिखाएगा, बल्कि ईमानदार विक्रेताओं और आम जनता के बीच विश्वास को भी मजबूत करेगा।
यह कदम बिहार के अन्य जिलों के लिए भी एक उदाहरण बनेगा कि प्रशासन जब चाहे, तो भ्रष्टाचार के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई कर सकता है।