मोतिहारी | साइबर अपराध के बढ़ते ग्राफ के बीच मोतिहारी साइबर थाना पुलिस ने एक बार फिर अपनी सक्रियता का परिचय देते हुए एक शातिर साइबर ठग को गिरफ्तार किया है। कटिहार निवासी बीटेक डिग्रीधारी आकाश मुखर्जी को साइबर थाना की विशेष टीम ने एक डिजिटल अरेस्टिंग ऑपरेशन के तहत धर-दबोचा। हैरान करने वाली बात यह है कि आकाश के खिलाफ देश के आठ राज्यों में 21 से अधिक साइबर ठगी के मामले दर्ज हैं।
बेरोजगारी से अपराध की ओर
पुलिस जांच में सामने आया है कि आकाश मुखर्जी ने बीटेक की पढ़ाई पूरी की थी लेकिन लगातार प्रयासों के बावजूद उसे नौकरी नहीं मिली। इसी हताशा में वह बंगाल के एक साइबर ठग गिरोह से जुड़ गया और ऑनलाइन ठगी की दुनिया में उतर गया। धीरे-धीरे वह इतना सक्रिय हो गया कि ठगी से मिली मोटी रकम से कटिहार में एक हार्डवेयर की दुकान भी खोल ली, ताकि उस पर किसी को शक न हो।
मोतिहारी के बुजुर्ग दंपती बने शिकार
इस साइबर ठगी का पर्दाफाश तब हुआ जब मोतिहारी निवासी रिटायर्ड कृषि विभाग कर्मचारी दिलीप कुमार और उनकी पत्नी ने 56.80 लाख रुपये की ठगी की शिकायत दर्ज कराई।
पीड़ित के अनुसार, उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आया, जिसमें खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर डराया गया। कॉलर ने वीडियो कॉल के जरिए एक फर्जी सीबीआई ऑफिस का दृश्य दिखाया और उन्हें ‘देशद्रोह’ में फंसाने की धमकी दी। इतना ही नहीं, जान से मारने की धमकी देकर 2 फरवरी 2025 को बुजुर्ग दंपती से ₹56.80 लाख की रकम विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा ली गई।
कटिहार में मिला सुराग, हुई गिरफ्तारी
मोतिहारी साइबर थाना की तकनीकी जांच में यह सामने आया कि यह पूरी रकम सबसे पहले कटिहार निवासी आकाश मुखर्जी के बैंक खाते में गई थी।
पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर एएसपी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने कटिहार में छापेमारी कर आरोपी आकाश मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया।
बढ़ते साइबर खतरे पर पुलिस का शिकंजा
पुलिस अधीक्षक अभिनव परासर ने बताया कि यह कार्रवाई साइबर अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि,
> “मोतिहारी पुलिस टेक्नोलॉजी के सहारे तेजी से साइबर अपराधियों की पहचान कर रही है। हमारी टीम ने हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गिरोह का भी भंडाफोड़ किया था, जिसे पाकिस्तान और नेपाल से ऑपरेट किया जा रहा था।”
चेतावनी : जागरूकता ही बचाव है
इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि डिजिटल साक्षरता और सतर्कता, समय की सबसे बड़ी ज़रूरत बन चुकी है।
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल या वीडियो कॉल के झांसे में न आएं, किसी को भी व्यक्तिगत जानकारी या बैंक डिटेल साझा न करें, और किसी भी डराने-धमकाने वाले कॉल की तत्काल सूचना साइबर थाना या नजदीकी पुलिस स्टेशन में दें।
मोतिहारी पुलिस की यह कार्रवाई यह साबित करती है कि डिजिटल ठग चाहे कितने भी चालाक क्यों न हों, कानून की पहुंच से दूर नहीं। साइबर अपराध के इस अंधेरे जाल में जागरूकता ही एकमात्र रोशनी है।
— Reported by Amit Ranjan