पटना/नवादा – बिहार जल्द ही नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग लगाने जा रहा है। राज्य के नवादा ज़िले के फुलवरिया में बना बिहार का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट जुलाई से बिजली उत्पादन शुरू करेगा। ‘हिन्दुस्तान’ की रिपोर्ट के अनुसार, यह पावर प्लांट 10 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता रखता है, जो राज्य की ऊर्जा ज़रूरतों को नई दिशा देगा।
पानी पर तैरता है बिजली का भविष्य
यह फ्लोटिंग सोलर प्लांट एक जलाशय की सतह पर तैरती हुई सोलर पैनलों की संरचना है। इससे न सिर्फ बिजली का उत्पादन होगा, बल्कि जल संरक्षण भी संभव होगा क्योंकि यह पैनल जल को तेज़ धूप से बचाकर वाष्पीकरण को कम करेंगे।
कितनी है क्षमता?
उत्पादन क्षमता : 10 मेगावाट (जुलाई से शुरू)
स्थान : फुलवरिया जलाशय, नवादा
राज्य में स्थिति : यह बिहार का सबसे बड़ा और तीसरा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट है
पहले कहां-कहां हैं ऐसे प्लांट?
दरभंगा : यहां पहले से एक फ्लोटिंग सोलर प्लांट चालू है, जिससे 1.6 मेगावाट बिजली उत्पादित हो रही है।
एक अन्य प्लांट भी पूर्व में शुरू हो चुका है, जिससे बिहार में यह तकनीक धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रही है।
क्यों खास है यह परियोजना?
1. पर्यावरण हितैषी : ज़मीन के उपयोग की ज़रूरत नहीं होती, जिससे हरियाली बचाई जा सकती है।
2. पानी की बचत : जलाशयों का वाष्पीकरण कम होता है।
3. स्थानीय विकास : ग्रामीण इलाकों में स्थायी ऊर्जा स्रोत बढ़ते हैं और रोजगार के अवसर भी बनते हैं।
तकनीकी और प्रशासनिक पहलू
इस प्लांट को राज्य सरकार और निजी कंपनियों के सहयोग से तैयार किया गया है। जुलाई 2025 से इसके कमर्शियल संचालन की शुरुआत होगी। अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना से क्षेत्र में न सिर्फ बिजली की आपूर्ति बेहतर होगी, बल्कि इसे पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जा सकता है।
बिहार में फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का यह विस्तार न सिर्फ राज्य की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और तकनीकी नवाचार की दिशा में भी एक उदाहरण है। नवादा का यह नया प्लांट आने वाले समय में बिहार को हरित ऊर्जा हब बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।